
हिंदी सटायर डेस्क। भाजपा के धुआंधार बैट्समैन आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ आखिरकार भाजपा ने कड़ा फैसला ले ही लिया। पार्टी की अनुशासन समिति ने आकाश पर भारत और न्यूजीलैंड के बीच मंगलवार को होने वाले सेमीफाइनल और अगले रविवार को होने वाले फाइनल मैच को देखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी को पीटने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त नाराजगी के चलते भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इतना कड़ा फैसला लेना पड़ा। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार कैलाश विजयवर्गीय चाहते थे कि उनके बेटे पर सेमीफाइनल मैच देखने पर प्रतिबंध लगाना ही पर्याप्त होगा। आखिर बच्चा है। एक छोटी-सी गलती के लिए इतनी बड़ी सजा देना ठीक नहीं है। लेकिन मोदीजी के कड़े तेवरों को देखते हुए पार्टी की अनुशासन समिति ने फाइनल मैच को भी इस कार्रवाई की स्कीम में शामिल करने का फैसला लिया।
बल्ला घुमाने वालों के लिए कड़ा संदेश है ये : नड्डा
इस फैसले के बारे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बताया कि रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसों की ‘दे दनादन’ टाइप की बल्लेबाजी देखकर ही हमारे युवा नेता और कार्यकर्ता पथभ्रष्ट हो रहे हैं। इसलिए इस फैसले में न केवल आकाश, बल्कि अन्य युवा नेताओं के लिए भी यह कड़ा संदेश छुपा हुआ है कि अगर उन्होंने दूसरों के बहकावे में आकर बल्ला घुमाने जैसी हरकतें की तो पार्टी भविष्य में भी इस तरह की कठोर कार्रवाई करने में पीछे नहीं रहेगी। फिर पार्टी यह भी नहीं देखेगी कि कौन किसका बेटा है और किसका भतीजा।
दिग्गी ने फिर ट्विट किया :
भाजपा के इस फैसले के बाद फ्री बैठे दिग्विजय सिंह को फिर काम मिल गया। उन्होंने ट्विट किया, “मैंने पहले ही कहा था कि अमित शाह अपने प्रिय मित्र के बेटे का कोई नुकसान होने देंगे। असली कार्रवाई तो तब होती जब आकाश के क्रिकेट खेलने पर ही प्रतिबंध लगाया जाता।”
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)