
By A. Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। रेप जैसी घटनाओं के बाद कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताने की देश में बढ़ती टैंडेंसी को देखते हुए सरकार ने कैंडल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। एक सरकारी सूत्र के अनुसार, “रेप रोकना तो हमारे बस में नहीं है। लेकिन हम यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि मेक इन इंडिया के तहत लोगों को बेहतर क्वालिटी की कैंडल प्रोवाइड करवा सकें। आखिर अच्छे से विरोध करना हर नागरिक का जन्मसिद्ध अधिकार है और इस अधिकार की रक्षा करना सरकार का दायित्व है।”
देश में वैसे तो रोज ही रेप की घटनाएं होती हैं, लेकिन साल में कम से कम एक बार कैंडल्स के साथ प्रदर्शन करने की परम्परा रही है। इस बार तीन दिन पहले राहुल गांधी ने कठुआ रेप कांड के विरोध में इंडिया गेट से साल 2018 के कैंडल मार्च की शुरुआत की थी। इसके बाद से देशभर में कैंडल विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन कई जगहों पर अच्छी क्वालिटी की कैंडल्स नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं। अधिकांश कैंडल्स तो ऐसी होती हैं जो जलते ही केवल उतनी ही देर रोशनी देती है जितनी देर में कैमरामैन तस्वीरें खींच सकें। तस्वीरें खिंचवाने के बाद वे अपने आप बुझ जाती हैं।
सरकार ने जोर देकर कहा, कैंडल्स की कमी नहीं आने दी जाएगी :
सरकार ने कैंडल्स की कमी को सीरियसली लिया है। एक सूत्र ने बताया, “ऐसी घटनाओं के दौरान लोगों को कैंडल की कमी नहीं हो, इसको लेकर हम वाकई गंभीर हैं। हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मेक-इन-इंडिया के तहत हम कैंडल्स के निर्माण को बढ़ावा देंगे, ताकि लोगों को प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त संख्या में मोमबत्तियां उपलब्ध हो सकें।”
सेलेब्रिटीज के लिए बैक्टीरिया-फ्री कैंडल्स :
सूत्र ने आगे बताया, “हम न केवल कैंडल्स की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे, बल्कि क्वालिटी पर भी पूरा ध्यान देंगे। सेलेब्रिटिज के लिए बैक्टीरिया-फ्री कैंडल्स बनाई जाएंगी, ताकि प्रदर्शन के बाद उन्हें बार-बार हैंड सेनेटाइजर का यूज नहीं करना पड़े। साथ ही कैंडल्स ऐसी होंगी जो जल्दी नहीं पिघले, ताकि सरकारों की मेंटेलिटी को रिप्रजेंट कर सकें।”
(हेडिंग में आया ‘रेप इन इंडिया’ शब्द कमलनाथ के ट्विट से सौजन्य : नीचे पढ़ें…)
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)