
(horse-trading in karnataka) : हिंदी सटायर डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा में शनिवार को ही येदियुरप्पा सरकार का शक्ति परीक्षण करवाने के निर्देश दिए हैं। इस ऐतिहासिक आदेश से उत्साहित घोड़े भी कोर्ट पहुंच गए हैं। घोड़ों ने विधायकों की खरीदी के लिए हॉर्स ट्रेडिंग (horse-trading) शब्द को बैन करने की मांग की है। घोड़ों के अनुसार इससे उनका अपमान हो रहा है।
ऑल इंडिया हॉर्स एसोसिएशन के कर्नाटक चैप्टर द्वारा कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि कर्नाटक में MLAs की किस स्तर पर खरीद-फरोख्त हो रही है, यह हमारी चिंता का विषय नहीं है। हमारी चिंता तो है विधायकों की खरीद-फरोख्त में हॉर्स ट्रेडिंग (horse-trading) शब्द का प्रयोग। राजनीतिक दलों से लेकर मीडिया तक इस शब्द का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं, यह सोचे बगैर कि इससे किसी की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं। इस वजह से पूरा चौपाया समाज हम पर हंस रहा है और हमारे कैरेक्टर पर लगातार उंगलियां उठ रही है।
याचिका में आगे कहा गया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए अगर कोई शब्द इस्तेमाल करना ही है तो डंकी ट्रेडिंग (Donkey Trading) किया जा सकता है। यह विधायकों की खरीद-फरोख्त के साथ मुफीद बैठेगा।
हॉर्स एसोसिएशनक की इस याचिका पर कोर्ट आज शाम को सुनवाई कर सकता है। इस बीच, घोड़ों द्वारा ‘डंकी ट्रेडिंग’ शब्द इस्तेमाल करने के सुझाव पर गधों की ओर से भी कड़ी आपत्ति आई है। गधे भी इस संबंध में कैविएट फाइल करने जा रहे हैं ताकि उनका पक्ष सुने बिना कोर्ट जल्दबाजी में ऐसा कोई फैसला नहीं सुना दें जिनसे उनकी इज्जत पर बन आए। गौरतलब है कि कैविएट दायर करने पर कोर्ट के लिए सभी पक्षों को सुनना जरूरी हो जाता है।
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल हमारे पॉलिटिकल सिस्टम पर कटाक्ष करना है, कोर्ट की मानहानि करना नहीं।)