
हिंदी सटायर डेस्क, ओस्लो। साल 2019 के नोबेल पीस प्राइज की होड़ में एक नया नाम सीरिया और इराक में हथियार डालने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) और उसके सरगना अल बगदादी का भी जुड़ गया है। वहीं, पाकिस्तान आर्मी भी इस दौड़ में बनी हुई है, जिसने भारत के साथ तनाव के दौरान भी पाक सरकार के साथ कुत्ता फजीहती नहीं की।
चूंकि नोबेल प्राइज हमेशा जीवित इंसान को दिया जाता है, इसलिए नोबेल पीस प्राइज देने वाली कमेटी ने भारतीय टीवी चैनलों से आग्रह किया है कि अगले छह माह तक वह बगदादी को मारने की अपनी मुहिम को थोड़ा विराम देने की कृपा करें। अवार्ड की घोषणा के बाद फिर से मुहिम शुरू की जा सकती है।
पाकिस्तान आर्मी भी रेस में:
कमेटी के सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया कि शांति के नोबेल पुरस्कार की होड़ में इमरान खान नहीं, बल्कि पाकिस्तान की आर्मी है। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है जब भारत के साथ तनाव के क्षणों में भी पाकिस्तान की आर्मी ने वहां की सरकार के साथ शांति बनाए रखी और किसी भी तरह से तख्ता पलट की कोशिश नहीं की।
(Disclaimer : यह खबर कपोल कल्पित है। इसका मकसद केवल हास्य-व्यंग्य पैदा करना है।)