
हिंदी सटायर डेस्क। इन दिनों भारत में चल रहे मी टू (Me Too) कैम्पेन से प्रेरणा लेकर कुछ शादीशुदा पुरुष भी इसमें शामिल हो गए हैं। हालांकि इन पुरुषों ने संभावित भावी खतरे को देखते हुए अपनी पहचान गोपनीय रखी है।
सोशल मीडिया पर डाली एक पोस्ट में एक शादीशुदा पुरुष ने #MeTooMan हैशटैग से लिखा, “मेरी पत्नी सारिका देवी 10 अक्टूबर से मुझे लगातार लौकी ही खिला रही है, जबकि वह जानती है कि दुनिया का हर पति केवल अपनी पत्नी के दबाव में ही लौकी खाता है। इस वजह से मैं पिछले सात दिन से मानसिक सदमे से गुजर रहा हूं। कई बार निवेदन करने के बाद भी पत्नी केवल लौकी ही पका रही है। यहां तक कि अब तो इस हिंसा में उसकी मां भी शामिल हो गई है। पिछले दो दिन से वह मेरे घर में ठहरी हुई है और लौकी के साथ मुझ पर सारे प्रयोग किए जा रही है।”
क्या इस मामले में केस बनता है?
इस संबंध में हमने सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील से चर्चा की तो उसने इस धमकी के साथ कि मेरा नाम मत छापना, नहीं तो केस कर दूंगा, कहा, “कानून में किसी भी पति को हफ्ते में दो बार लौकी खिलाना विधि सम्मत है। लेकिन अगर कोई महिला लगातार सात दिन तक अपने पति को लौकी खिला रही है तो इससे उसकी मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है। इससे यह कृत्य मानसिक ज्यादती और शोषण की श्रेणी में आ जाता है।”
पत्नियां कैम्पेन के खिलाफ लामबंद :
पत्नियां #MeTooMan कैम्पेन के खिलाफ लामबंद हो गई हैं। सोशल मीडिया पर इसके जवाब में उन्होंने लिखा, “लौकी खिलाना हमारा पत्नी सिद्ध अधिकार है। अगर कोई पति बना है तो उसे सप्ताह भर तो क्या, महीना भर भी लौकी खानी पड़ेगी। वैसे भी हम चेंज के लिए मूंग की दाल, अरबी की सब्जी और पालक की कढ़ी बनाते ही हैं। अब जान लोगे क्या?”
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल स्वस्थ हास्य-व्यंग्य करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)