
जाने-माने हास्य कवि प्रदीप चौबे (pradeep-choubey) की हास्य कविता भिखारी पढ़ें यहां :
एक भिखारी ने हमसे कहा –
गरीबों की सुनो
वो तुम्हारी सुनेगा
तुम एक पैसा दोगे
वह दस लाख देगा।
हमने कहा –
तू गारंटी लेगा?
अबे भगवान क्या मूर्ख हैं
जो एक पैसा लेकर
दस लाख देगा?
और नहीं दिया तो
मेरा एक पैसा
कौन वापस करेगा?
सुनते ही भिखारी खिसिया गया
बोला – बाबूजी
आपसे मिलकर मजा आ गया
हो न हो
कोई पहुंचे हुए कलाकार आप हैं
हम तो केवल भिखारी हैं
आप तो हमारे भी बाप हैं।