
हिंदी सटायर डेस्क। यहां जो जमीन पर पड़ा है, वह रावण का पुतला नहीं, बल्कि उसकी डेड बॉडी है। खबर है कि रावण ने अपने को जलाए जाने से कुछ घंटे पहले ही सुसाइड कर लिया।
रावण के एक सबऑर्डिनेट राक्षस ने इस संवाददाता को बताया कि बॉस सदियों से सुनते आ रहे थे कि उनसे बुरा कुछ नहीं, उनसे बुरा कोई नहीं। पर आखिर कब तक सुनते? वह भी आखिर राक्षस है।
और आज एक घटना और हो गई… सुबह-सुबह की बात थी। मैं बाजू में कुल्ला कर रहा था। कुछ भक्त टाइप के लोग हाथ में तंबाकू मल रहे थे। उनमें से एक ने बाजू में पिक मारते हुए कहा, भाई, दस दिन से सूखा चल रहा है। आज रावण को खतम करके गौतमपुरा चलते हैं। वहीं बैठकर दस दिन की कसर उतारेंगे। दूसरे ने कहा, हां, वहां अहाता भी अच्छा है…बाजू में बस्ती भी है, आज वहां भी मजा लूटेंगे।
राक्षस ने आगे कहा, बॉस ये सब सुन रहे थे। उनसे रहा नहीं गया। अचानक उठे और आकाश की ओर बडे़ वाला सिर ऊंचा करते हुए रोते-रोते अट्ठहास किया। नेताओं, बाबाओं, लंपट टाइप के कुछ पत्रकारों का नाम लेते हुए उनकी तीन बार मां-बहन एक की…। फिर डेढ़ेक हजार सल्फास की गोलियां खा ली। पता नहीं कहां से लेकर आ गए थे। जमीं पर गिरते ही धूल उड़ी और फिर उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए। बॉस के आखिरी शब्द थे – क्या राम!