
By A. Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क। गिरने के मामले में नेताओं और बाबाओं के बाद शेयर बाजार (share-market) तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। इससे देशभर के नेताओं और बाबाओं में चिंता की लहर दौड़ गई है। तमाम नेताओं और बाबाओं ने एक स्वर में इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अगर शेयर बाजार इसी तरह नीचे गिरता रहा तो फिर हमें कौन पूछेगा? कुछ बाबाओं ने तो इसे ‘घोर कलयुग’ तक बता दिया है।
बजट के बाद से ही शेयर बाजार लगातार नीचे गिरता जा रहा है। इसके विरोध में देशभर के नेताओं और बाबाओं ने कल रात को शेयर बाजार के इस तरह गिरने के विरोधस्वरूप कैंडल मार्च भी निकाला। इस संबंध में नेता-बाबा ज्वॉइंट कॉर्डिनेशन कमेटी भी गठित कर ली गई है। कमेटी ने प्रधानमंत्री से एक आपाताकालीन बैठक बुलाकर इस मामले में तत्काल कोई एक्शन लेने की जरूरत जताई है। कमेटी का कहना है कि नीचे गिरना हमारा नैतिक अधिकार है। अगर कोई हमसे ज्यादा गिरता है तो इस संबंध में कानून बनाकर उस पर बैन लगाना चाहिए, फिर चाहे वह बाजार हो या कोई और भी।
एक नेता ने कहा, “सप्ताह भर से हम देख रहे हैं कि बाजार लगातार नीचे गिरता जा रहा है। यह घोर अनैतिक कृत्य है। हमें तत्काल ऐसे कानून की जरूरत है जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि नेताओं और बाबाओं से कोई और ज्यादा न गिरें।” इसी तरह एक बाबा ने कहा, ‘आज के युग में नेताओं और बाबाओं से भी ज्यादा कोई गिरा हुआ कैसे हो सकता है? यह घोर कलयुग के आने के संकेत है।’ एक बॉटली से पानी टाइप चार बूंदें हवा में फेंकते हुए उसने चित्कार की, “घोर कलयुग, सब बरबाद हो जाएगा।”
(Disclaimer : यह खबर कपोल कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक सटायर-हास्य-व्यंग्य करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)