
नई दिल्ली। प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर टीवी एंकर्स के चीखने पर बैन लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदूषण रोकने के लिए पटाखों पर बैन लगाने से कुछ नहीं होगा। असली प्रदूषण तब रुकेगा जब टीवी चैनलों के एंकर्स के चीखने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए राजधानी दिल्ली क्षेत्र में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि राजधानी दिल्ली क्षेत्र में केवल इको-फ्रेंडली पटाखे ही बिक सकेंगे। इसी से आहत गबरू परेशान ने याचिका में कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को वाकई पॉल्यूशन की चिंता है तो उसे सबसे पहले टीवी चैनलों पर चीखने वाले एंकर्स पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। याचिका में कहा गया है, “पटाखों पर बैन लगाने से केवल दिल्ली में ही प्रदूषण कम होगा। लेकिन अगर टीवी चैनल के एंकर्स के चीखने पर बैन लगा दिया जाए तो इससे पूरे देश को राहत मिलेगी।”
स्टडी का किया उल्लेख :
याचिकाकर्ता गबरू परेशान ने अपने समर्थन में एक स्टडी का भी हवाला दिया है। एक स्टडी में कहा गया है कि जब-जब कोई बड़ा मामला या ब्रेकिंग न्यूज आती है, तब-तब पूरे देश में पॉल्यूशन का लेवल कई गुना बढ़ जाता है। इसके अलावा देश में पॉल्यूशन का रात को 9 से 10 बजे के बीच भी सबसे हाई होता है जिस समय अर्णब गोस्वामी अपने प्राइम टाइम कार्यकम में होते हैं।
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल स्वस्थ मनोरंजन और सिस्टम पर कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)