
और दिवाली के ठीक 11 दिन बाद…
सोन पापड़ी का डिब्बा खुला…
पहला पीस उठाया, फिर दूसरा…
तीसरा पीस उठाते ही वह बोल पड़ी… बस कर पगले, अब रुलाएगा क्या?
और दिवाली के ठीक 11 दिन बाद…
सोन पापड़ी का डिब्बा खुला…
पहला पीस उठाया, फिर दूसरा…
तीसरा पीस उठाते ही वह बोल पड़ी… बस कर पगले, अब रुलाएगा क्या?