
By Jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क, दिल्ली। देश में लोकतंत्र को बचाने और विपक्ष को मजबूत बनाने के मकसद से भाजपा सरकार ने कांग्रेस का अधिग्रहण करने का निश्चय किया है। यह निर्णय यहां शुक्रवार को कैबिनेट की एक आपातकालीन बैठक में लिया गया।
निर्णय के बारे में और जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और अधिग्रहण मामलों के एक्सपर्ट अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीते कुछ माह में कांग्रेस में जिस तरह से गिरावट आई है, वह लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है। लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए हमें एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है। इसी को देखते हुए हमने कांग्रेस को अधिगृहीत कर उसे एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में तैयार करने का फैसला लिया है।
अमित शाह ने कहा, “यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस में अब इतनी ताकत नहीं रही कि वह सरकार के खिलाफ विपक्षी होने का दायित्व निभा सके। इसलिए हमारा फर्ज बनता है कि हम खुद ही देश को एक मजबूत विपक्ष दे। इसीलिए हमने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।” उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेसी नेताओं की भाजपा में आने की मजबूरी भी खत्म हो जाएगी, जैसा कि अभी गोवा में हुआ। वे कांग्रेस में रहकर ही देश की सेवा करते रहेंगे।
एक सवाल के जवाब में शाह ने संकेत दिए कि सरकार भविष्य में अन्य छोटे दलों को भी अधिगृहीत कर उनका कांग्रेस में विलय कर सकती है ताकि लोकतंत्र को और भी मजबूती दी जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनता दल यू और शिवसेना पूर्व की भांति विपक्ष का दायित्व निभाते रहेंगे।
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)