
हिंदी सटायर डेस्क। राहुल गांधी के उस बयान से खुद सोनिया गांधी काफी परेशान हैं जिसमें राहुल ने कहा था कि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने बेटों को पार्टी हित से ऊपर रखा। सोनिया के करीबी सूत्रों के अनुसार इस बयान से सोनिया गांधी ने खिन्न होकर यूपीए के चेयरपर्सन पोस्ट से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है।
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी पराजय के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हार के कारणों की गंभीरता के साथ समीक्षा की गई थी। इसी समीक्षा के दौरान राहुल के मुंह से यह निकल गया था कि बेटों के लिए वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी हित को दरकिनार कर दिया। सूत्रों के अनुसार राहुल तो मासूम बच्चे जैसे हैं। मासूमियत में ये शब्द बोल गए। लेकिन सोनियाजी ने इसे अपने ऊपर भी ले लिया और उन्होंने यूपीए चेयरपर्सन के पद से इस्तीफा देने की पेशकर कर दी।
हालांकि जैसे ही राहुल को सोनिया के इस कदम के बारे में पता चला, उन्हें अपनी गलती समझ में आ गई। वे अपने पार्टी के कई सीनियर लीडर्स के साथ सोनिया जी मिलने गए और उनके समक्ष अपने उस बयान को लेकर सफाई भी दी। राहुल ने सोनिया से कहा, ‘मेरा वह बयान तो वरिष्ठ नेताओं को लेकर था। आप तो वरिष्ठतम हैं मां।’ राहुल की इस सफाई का तुरंत ही वरिष्ठ नेताओं अशोक गहलोत, कमलनाथ और पी. चिदंबरम ने एक स्वर में अनुमोदन किया और सोनिया से इस्तीफे की पेशकश को वापस लेने की गुहार लगाई। सूत्रों के अनुसार सोनिया इस्तीफे की पेशकश को वापस लेने पर सहमत हो गई हैं।
इस्तीफे की क्या है प्रोसेस?
कांग्रेस काफी पुरानी पार्टी है। इसलिए वहां गांधी परिवार के किसी सदस्य के इस्तीफे को लेकर थोड़ी अलग प्रोसेस है। वहां पहले इस्तीफे की पेशकश की जाती है। पेशकश को मंजूरी मिलने पर ही इस्तीफा दिया जा सकता है। इस्तीफा देने के बाद फिर वहां उसे स्वीकारने या नकारने की प्रोसेस होती है…।
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)