
By Jayjeet
नई दिल्ली/वुहान। चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप को और फैलने से रोकने के लिए भारत से एक हजार नेताओं की मांग की है। भारत ने भी संकट की गंभीरता को देखते हुए 500 नेताओं की पहली सर्वदलीय खेप तुरंत कोरोना प्रभावित वुहान की ओर रवाना कर दी है।
चीन के विदेश मंत्री ने रविवार की रात को भारतीय विदेश मंत्री से इस सिलसिले में बात की थी। भारतीय विदेश मंत्री के यह पूछने पर कि इस मामले में हम आपके लिए क्या कर सकते हैं, चीनी विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर भारत अपने एक हजार नेताओं को हमारे यहां भिजवा दें तो हमारी समस्या का समाधान हो जाएगा। अपने से बड़े वायरसों से डरकर कोरोना या तो आत्मसमर्पण कर देंगे या फिर चीन की दीवार से कूदकर आत्महत्या कर लेंगे। इस पर भारतीय विदेश मंत्री ने तुरंत हामी भर दी।
पहली खेप रवाना :
वुहान के लिए रवाना हुई खेप में देश की तमाम पार्टियों के उन चुनिंदा नेताओं को शामिल किया गया है जिनमें वायरस फैलाने की प्रचंड कैपेसिटी है। खेप में शामिल एक नेता ने विनम्रतापूर्वक कहा – ‘यह हमारा परम सौभाग्य है कि हमें अब देशसेवा से ऊपर अंतरराष्ट्रीय सेवा करने का मौका मिल रहा है। जैसे हम अपने देशवासियों को कभी निराश नहीं करते, वैसे ही हम वहां भी निराश नहीं करेंगे।’
वहीं एक वरिष्ठ नेता ने नाम छापने की शर्त पर कहा, ‘वैसे तो यह काम हमारी पार्टी का गली अध्यक्ष ही कर सकता है। पर मंत्रीजी का विशेष आग्रह था कि यह देश की इज्जत का सवाल है, कोई रिस्क नहीं ले सकते। इसीलिए अपने तमाम हथकंडों, मतलब जरूरी कामों को छोड़कर मैं चीन जा रहा हूं।’
पांच सौ ही काफी :
चीन ने इस नेक काम के लिए 1000 नेताओं की मांग की थी। लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि इस टुच्चे से काम के लिए हमारे यहां के 500 नेता ही काफी हैं। वहीं एक सूत्र का तो यहां तक कहना है कि इनमें भी दो-ढाई सौ से ही काम चल जाएगा। बाकी तो होटलों में रहकर भविष्य के संभावित वायरसों के लिए वहां एंटी वायरस माहौल बनाने का काम करेंगे।
(Disclaimer : यह खबर कपोल कल्पित है। इसका मकसद केवल कटाक्ष करना है, किसी की मानहानि करना नहीं।)