
मकर संक्रांति पर एक पति का क्रांतिकारी निर्णय :
पिछले सात दिन से लौकी खा रहा हूं। आज नहीं खाऊंगा…
तभी किचन से पत्नी की आवाज –
खिचड़ी बन गई है। लगा दूं क्या?
मकर संक्रांति पर एक पति का क्रांतिकारी निर्णय :
पिछले सात दिन से लौकी खा रहा हूं। आज नहीं खाऊंगा…
तभी किचन से पत्नी की आवाज –
खिचड़ी बन गई है। लगा दूं क्या?