
By jayjeet
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। अपनी ही पार्टी से रूठे राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए एक बड़ी शर्त रख दी है। राहुल की शर्त है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में एससी-एसटी की तरह 10 फीसदी सीटें ‘कांग्रेस आरक्षित सीटें’ रहें। यानी करीब 55 सीटें ऐसी रहें जहां केवल कांग्रेस ही कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ सके। इस मांग को मनवाने के लिए तमाम सीनियर लीडर्स अपने-अपने पुत्रों के साथ सड़कों पर उतरकर संघर्ष करने को राजी हो गए हैं। इस संबंध में सीनियर लीडर्स का एक प्रतिनिधिमंडल जल्दी ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलकर राहुल की इस शर्त को समर्थन देने का आग्रह करेगा।
कांग्रेस के अंदरखाने आ रहीं खबरों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष इस बात पर भयंकर नाराज थे कि पार्टी न्यूनतम 55 सीटें भी नहीं ला सकी जो नेता-प्रतिपक्ष का दर्जा पाने के लिए जरूरी थीं। इसके बाद से ही वे इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे। सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात को कांग्रेस के सीनियर लीडर अहमद पटेल ने राहुल के साथ 4 घंटे तक लगातार चर्चा की (पढ़ें माथाफोड़ी)। इस चर्चा के बाद राहुल ने इस्तीफे की फोटोकॉपी करवाकर इस्तीफा फाड़ दिया। हालांकि उन्होंने अहमद को आगाह किया कि इस्तीफे की लेमिनेटेड फोटोकॉपी हमेशा उनकी जेब में रहेगी। अगर एक माह के भीतर उनकी शर्त पर कार्रवाई नहीं हुई तो इस फोटोकॉपी के जरिए ही वे फिर से इस्तीफा देने पर अड़ जाएंगे।
भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक विरासत को बचाने की भावुक अपील :
राहुल की इस शर्त के पालन के लिए अब से कुछ देर पहले अशोक गहलोत, कमलनाथ और चिदंबरम अपने-अपने पुत्रों के साथ चुनाव आयोग से मिले और उनसे भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक विरासत कांग्रेस को बचाने की भावभीनी अपील करते हुए एक ज्ञापन-पत्र सौंपा। बाद में निर्वाचन आयोग के बाहर खड़े पत्रकारों से बात करते हुए चिदंबरम ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर चुनाव आयोग हमारी मांग नहीं मानेगा तो कांग्रेस के तमाम सीनियर लीडर्स दो घंटे के लिए व्यापक देशव्यापी आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
एक पत्रकार द्वारा यह पूछे जाने पर कि अगर चुनाव आयोग लोकसभा की 10 फीसदी सीटें कांग्रेस के लिए आरक्षित कर देता है तो क्या इनमें से 2-3 फीसदी सीटें पुत्र-पुत्रियों के लिए भी आरक्षित करने की मांग की जाएगी? इस सवाल पर अशोक गेहलोत ने पत्रकार को झिड़कते हुए कहा कि यह कोई सवाल है? वो तो जाहिर सी बात है कि कोटा-विदीन कोटा के तहत 7-8 फीसदी सीटें पुत्र-पुत्रियों के लिए आरक्षित रहेंगी ही।
बीजेपी अध्यक्ष से भी मिलेंगे कांग्रेस लीडर्स :
राहुल की मांग पर समर्थन हासिल करने के लिए कांग्रेस के सीनियर लीडर्स भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी मिलने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा इस शर्त पर कांग्रेस की मांग का समर्थन करने को तैयार हो सकती है कि कांग्रेसी राहुल को आजीवन अध्यक्ष बनाने का वादा करें और राहुल भी यह वादा करें कि छोटी-मोटी बातों पर इस्तीफा देने जैसी बच्चों वाली हठ बार-बार नहीं करेंगे।
(Disclaimer : यह खबर कपोल-कल्पित है। इसका मकसद केवल राजनीतिक कटाक्ष करना है, फेक न्यूज के रूप में अफवाह फैलाना या किसी की मानहानि करना नहीं।)