
हिंदी सटायर डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ऐलान किया है कि अब असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले नए कर्मचारियों के पहले 3 साल का एम्पलॉयर पीएफ कांट्रीब्यूशन सरकार खुद वहन करेगी। पहले सिर्फ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को ही इस योजना का फायदा मिल रहा था। गुरुवार को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
तो कहां हुई गड़बड़?
यहां तक तो ठीक था। लेकिन फिर इस निर्णय की घोषणा करते हुए श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ऐसी बात कह दी कि मानो तूफान आ गया। गंगवार साहब ने कह दिया कि सरकार के इस फैसले से देश में एक करोड़ नई नौकरियां पैदा करने में मदद मिलेगी। गलती से यह बात एक आम आदमी ने सुन ली। फिर क्या था। वह इतना हंसा, इतना हंसा कि हंसकर सिद्धू हो गया। उसकी हंसी रुक ही नहीं रही थी। गंगवार साहब को समझ नहीं आ रहा था कि इस सिद्धू पार्ट-2 का क्या करें? आखिर वे मोदी तो हैं नहीं। तो उन्होंने इधर-उधर बगलें झांकीं और वहां से निकल लिए।
(Disclaimer : खबर का एक पार्ट सच्चा है, दूसरा पार्ट केवल सच्चा व्यंग्य।)